दिनांक १६ अप्रेल १९३५ विक्रम संवत् १९९२ के चैत्र सुद १३ के शुभ दिन पेढ़ी स्थापना की बोली उज्जैन श्रीसंघ के समक्ष बोली गई। जो कि स्व. श्री छगनीरामजी पन्नालालजी सिरोलिया के नाम पर समाप्त हुई । उसी दिन इन मन्दिरों की व्यवस्था के लिये “श्री ऋषभदेवजी छगनीरामजी पेढ़ी’ की स्थापना हुई।