ज्ञाताधर्म कथा 1/5

।। रुहिरकयस्स वत्थस्स रुहिरेणं चेव ।। ।। पक्खालिज्जमाणस्स णत्थि सोही ।।    रक्त-सना वस्त्र रक्त से ही धोया जाये तो वह शुद्ध नहीं होता   आग को आग से नहीं बुझाया…

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